69000 शिक्षको की नियुक्ति का रास्ता साफ, हाई कोर्ट का फैसला तीन महीने में नई मेरिट सूची जारी करे

उत्तर प्रदेश में साल 2018 में 69 हजार शिक्षको भर्ती का विज्ञापन जारी किया गया था| शिक्षा बोर्ड द्वारा फाइनल मेरिट लिस्ट जारी कर इस भर्ती के तहत सभी को नियुक्ति हो चुकी थी| लेकिन आरक्षित अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलने के कारण वे कोर्ट चले गए| इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने शुक्रवार को 69000 शिक्षक भर्ती को लेकर अहम फैसला सुनाया है | जिससे सेकड़ो शिक्षको की नौकरी पर तलवार चल सकती है | हाई कोर्ट ने फैसला में कहा है की पीछे जारी की गई मेरिट सूची को रद्द कर आने वाले तीन महीने में नई मेरिट सूचि लिस्ट तैयार कर अभ्यर्थी को नियुक्ति देने के आदेश जारी किये है |

हाई कोर्ट के इस फैसले से 69000 शिक्षको की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है | और कई अभ्यर्थी जो 1 नंबर से नौकरी पाने से वंचित रहे गए थे | उनको भी अब नौकरी की आश जगी है | न्यायमूर्ति पीके जयसवाल और न्यायमूर्ति केएस पवार की पीठ ने एक साल से कोर्ट में फंसी योगी सरकार की 69 हजार शिक्षकों की भर्ती परीक्षा को बड़ी राहत मिली है | लेकिन सरकार ने 65 (सामान्य वर्ग) और 60 फ़ीसदी (आरक्षित वर्ग) कट ऑफ मार्क्स का क्लॉज़ लगाकर उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है |

क्या है पूरा मामला

उत्तर प्रदेश में साल 2028 में 69 हजार शिक्षको भर्ती का विज्ञापन जारी किया गया था| इस के तहत 2019 में 4 लाख अभ्यर्थी परीक्षा में बेठे थे | और इसका 2020 में इसका रिजल्ट जारी किया गया| जिसमे 1 लाख 47 हजार अभ्यर्थियो को पास किया गया| और शिक्षा बोर्ड द्वारा फाइनल मेरिट सूचि जारी की गई |

लिस्ट में सामान्य वर्ग का कट ऑफ 67.11 और ओबीसी का कट ऑफ 66.73 रखा गया| लेकिन आरक्षित अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलने के कारण वे कोर्ट चले गए| लेकिन अब हाई कोर्ट ने वो मेरिट लिस्ट रद्द कर दी और नई मेरिट लिस्ट जारी करने के आदेश जारी किये है |

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